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Wakf Amendment Act 2025: सुप्रीम कोर्ट में आज वक्फ कानून पर अहम सुनवाई

Wakf Amendment Act 2025: सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून 2025 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज (20 मई) सुनवाई होनी है। अदालत तीन महत्वपूर्ण मुद्दों पर अंतरिम निर्देश जारी कर सकती है। याचिकाओं में वक्फ बाय यूजर, वक्फ बोर्ड की संरचना, और सरकारी जमीन से संबंधित विवादित प्रावधानों को लेकर सवाल उठाए गए हैं।
आज सुनवाई, तीन बिंदुओं पर हो सकती है कार्यवाही
सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह शामिल हैं, आज वक्फ संशोधन कानून 2025 पर दायर याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। अदालत तीन प्रमुख मुद्दों पर अंतरिम निर्देश जारी करने के लिए पक्षकारों की दलीलें सुनेगी। ये तीन मुद्दे हैं —
- वक्फ बाय यूजर और वक्फ बाय डीड की गई संपत्तियों को गैर-अधिसूचित करने का अधिकार।
- वक्फ बोर्डों और केंद्रीय वक्फ परिषद की संरचना में मुस्लिमों की भूमिका।
- जब कलेक्टर जांच करता है कि कोई संपत्ति सरकारी है या नहीं, उस दौरान वक्फ संपत्ति को वक्फ न मानने वाला प्रावधान।
Wakf Amendment Act 2025: याचिकाकर्ताओं का पक्ष
याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा है कि वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद का संचालन केवल मुस्लिमों को करना चाहिए, पदेन सदस्यों को छोड़कर। उनका तर्क है कि नए संशोधन मुस्लिमों के धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं।
वक्फ बाय यूजर का क्या है अर्थ?
वक्फ बाय यूजर का मतलब है – ऐसी संपत्ति जिसका लंबे समय से धार्मिक या वक्फ प्रयोजन के लिए उपयोग हो रहा है, चाहे उसका कोई आधिकारिक दस्तावेज मौजूद न हो। ऐसा उपयोग वक्फ माने जाने के लिए पर्याप्त होता है।
Wakf Amendment Act 2025: कोर्ट ने लिखित जवाब मांगा था
सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों – केंद्र सरकार की ओर से सालिसिटर जनरल तुषार मेहता और याचिकाकर्ताओं से 19 मई तक लिखित नोट्स जमा करने को कहा था। हालांकि कोर्ट ने साफ किया कि 1995 के मूल वक्फ कानून पर अंतरिम रोक नहीं लगाई जाएगी।
केंद्र ने पहले दी थी ये गारंटी
पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार ने कोर्ट को भरोसा दिया था कि अभी किसी भी पंजीकृत व अधिसूचित वक्फ संपत्ति को, जिसमें वक्फ बाय यूजर भी शामिल है, गैर-अधिसूचित नहीं किया जाएगा। साथ ही, वक्फ परिषदों में गैर-मुस्लिमों की नियुक्ति भी नहीं की जाएगी।
Wakf Amendment Act 2025: केरल सरकार ने दायर की याचिका
1. केरल की दलील
केरल सरकार ने भी इस मामले में हस्तक्षेप याचिका दाखिल करते हुए कहा है कि वक्फ संशोधन कानून 2025, 1995 के मूल कानून के ढांचे से भटक गया है। इससे राज्य की मुस्लिम आबादी की धार्मिक और संपत्ति से जुड़ी स्वतंत्रता पर असर पड़ सकता है।
2. मुस्लिम अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर खतरा
केरल सरकार का कहना है कि वक्फ संपत्तियों और धार्मिक मामलों पर नियंत्रण के अधिकार को लेकर मुस्लिम समुदाय को भेदभाव का डर है। संशोधन में शामिल कई प्रावधान अनुचित और असंतुलित हैं।
3. केंद्र का हलफनामा
25 अप्रैल को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने हलफनामा दाखिल कर अदालत से कहा था कि संसद द्वारा पारित कानून पर रोक नहीं लगाई जानी चाहिए।
Chavi Sharma
Chavi Sharma is a senior content writer at Hindustan Reality with over 13 years of experience in content creation, blogging, and digital storytelling. Passionate about accurate and impactful journalism, she now brings her expertise to news writing — covering the latest updates from Himachal Pradesh with clarity and responsibility.